Not known Factual Statements About Shodashi

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चत्वारिंशत्त्रिकोणे चतुरधिकसमे चक्रराजे लसन्तीं

बिंदु त्रिकोणव सुकोण दशारयुग्म् मन्वस्त्रनागदल संयुत षोडशारम्।

सौवर्णे शैलश‍ृङ्गे सुरगणरचिते तत्त्वसोपानयुक्ते ।

कन्दर्पे शान्तदर्पे त्रिनयननयनज्योतिषा देववृन्दैः

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१२॥

यत्र श्री-पुर-वासिनी विजयते श्री-सर्व-सौभाग्यदे

The Mantra, Alternatively, is usually a sonic representation from the Goddess, encapsulating her essence by way of sacred syllables. Reciting her Mantra is thought to invoke her divine existence and bestow blessings.

वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।

देवस्नपनं मध्यवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

Her attractiveness is really a gateway to spiritual awakening, making her an item of meditation and veneration for all those trying to get to transcend worldly needs.

Called the goddess of wisdom, Shodashi guides her devotees toward clarity, Perception, and higher knowledge. Chanting her mantra enhances instinct, encouraging persons make wise selections and align with their internal fact. This advantage nurtures a life of integrity and goal.

The reverence for Tripura Sundari transcends mere adoration, embodying the collective aspirations for spiritual growth as well as attainment of worldly pleasures and comforts.

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै more info में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१०॥

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